योगिराज हितैषी बाबा ने सुनाई माता सती की मार्मिक कथा

गौंडा। सदलपुर गांव स्थित प्राचीन नैमा देवी मंदिर में चल रही भागवत कथा में रविवार को प्रवचन करते हुए योगिराज हितैषी बाबा ने माता सती की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने कहा कि माता सती का त्याग, समर्पण और पति के प्रति श्रद्धा तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। मगर, पति के अपमान को सहन न करते हुए उन्होंने अग्नि में आत्मदाह कर लिया, जो पूरे सृष्टि के लिए एक संदेश बन गया। बाबा ने वर्तमान सामाजिक परिप्रेक्ष्य पर चिंता जताते हुए कहा कि आज की बेटियां पढ़ी-लिखी होकर भी पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि जब बेटियों को देवी का दर्जा दिया गया है, तो उन्हें हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित महान नारियों की कथाओं को पढ़ना चाहिए, जिससे उन्हें अपने जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य समझ में आए। उन्होंने कहा कि बेटियों को ज्ञान और स्वतंत्रता के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए, तभी समाज सशक्त और संस्कारी बनेगा।इस मौके पर पूर्व प्रधान सदानंद कुमार और शालू ठाकुर ने आरती की। कथा में अंकित, घनेन्द्र कुमार, पवन कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।